February 14, 2013

मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ


for her ,to whom i haven't met yet  ...

" मैं  तुमसे  मिलना  चाहता  हूँ "

जिन धड़कन में गूँज  है मेरी, मैं उनको सुनना चाहता हूँ!
जिनकी लकीरों में नाम है मेरा, उन हाथो को छुना चाहता हूँ !!
जिसको चुना है  रब ने मेरे लिए , उस सूरत से मिलना  चाहता हूँ !
कंहाँ हो तुम प्रिये ,  मैं तुम से मिलना चाहता हूँ..............
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न मिल पाया तुम्हारे कारण  अब तक प्यार मुझे,इस बात पर तुम से  लड़ना चाहता हूँ!
और जो  बचा कर रखा है अब तक इस दिल में , वो  प्यार वारना चाहता हूँ !!
अपने हर तन्हा लम्हे का हिसाब ,  मैं तुमसे  लेना चाहता हूँ !!
हर एक ख्वाब जो बुना है मेने अकेले , अब संग तुम्हारे उसे पूरा करना चाहता हूँ!
कंहाँ हो तुम प्रिये ,  मैं तुम से मिलना चाहता हूँ..............

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जिन रहो पर, जिन बागो में,  घुमा बहुत अकेले मैं ,वंहा  अब साथ तुम्हारा  चाहता हूँ!
जो दिल में बसी है  सदियों से , ढेरो बातें , वो  तुम्हे सुनना चाहता हूँ!!
मैं तुम से मिलना चाहता हूँ.....

जिन आँखों में बसी हो , सूरत  मेरी , उन आँखों में  डूबना चाहता हूँ!
खुद को खुद से दूर कंही  मैं , तुम में खोया पाना चाहता हूँ  और  खुद को खोकर तुमको  पाना चाहता हूँ !!
कंहाँ हो तुम प्रिये ,  मैं तुम से मिलना चाहता हूँ..............

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हर मंदिर में , इस आलय में, मैं साथ तुम्हारा चाहता हूँ!
मेरे गीतों में स्वर तुम्हारा चाहता हूँ !!
मैं तुम से मिलना चाहता हूँ.....

कंही दूर किसी झील किनारे,संग तुम्हारे , बैठ कर पायल की छन-छन सुनना चाहता हूँ!
हर आईने में अपने साथ   'अक्स' तुम्हारा चाहता हूँ !!
कंहाँ हो तुम प्रिये ,  मैं तुम से मिलना चाहता हूँ.....
मैं तुम से मिलना चाहता हूँ.....

~~~~~~~~ अर्पण ~~~~~~~~

अक्स  =  प्रतिबिम्ब  Image/Reflexion
आईने =  Mirror
गूँज  = Echo
 स्वर = voice
आलय = आवास, घर home
वारना = देना passon





 


2 comments:

  1. बहोत खुब मेरे दोस्त..
    ऐसेहि लिखते रहो....

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