जिन्होंने आराम की खादी की जगह फाँसी के फंदे को अपनाया
जिन्होंने दिलो पर गुलाब की जगह देश को अपनाया ....
जिन्होंने दुश्मन की लाश पर तिरंगा लहराया ...
जिन्होंने मखमली चादर से ज्यादा सुकून तिरंगे के कफ़न में पाया ...
"जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" जिनकी सोच ,जिनके लहू में था
जिनकी बदोलत हमे मिली है ये आज़ादी
उन शहीदों को , उन क्रांतीकारीयो को कोटि कोटि नमन ...
आशामान से ऊँचा है आज सर वतन का ..
शूरवीरो तुम ही हो अभिमान वतन का ..
तुम कहना भारत माँ से .. नहीं कुछ हाल ठीक हमारे वतन का
जिन्हें तुम सौप गए थे आज़ाद वतन,उनकी नीच सोच का गुलाम है अभी भी वतन
ये सब सोच से बोने है .. स्वार्थी मिट्टी के खिलोने है ....
कहना या तो इन हुक्मरानों को माँ बुद्धि देदे या फिर इनको मत्यु देदे ....
लगता है "भगत -सुभाष- आज़ाद-खुदीराम- बिस्मिल " तुम्हे लौट के आना ही होगा
इस बार इनके स्वार्थ से इनके अत्याचार से और ये भ्रष्टाचार से देश को बचाना होगा.....
निडर-निस्वार्थ - निश्छल - शूरवीर - देशभक्त क्रांतिकारियों को कोटि कोटि नमन
हर सच्चे भारतीय को स्वतंत्रता दिवस के लिए हार्दिक बधाई.....
...अर्पण कुमार शर्मा
जिन्होंने दिलो पर गुलाब की जगह देश को अपनाया ....
जिन्होंने दुश्मन की लाश पर तिरंगा लहराया ...
जिन्होंने मखमली चादर से ज्यादा सुकून तिरंगे के कफ़न में पाया ...
"जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" जिनकी सोच ,जिनके लहू में था
जिनकी बदोलत हमे मिली है ये आज़ादी
उन शहीदों को , उन क्रांतीकारीयो को कोटि कोटि नमन ...
आशामान से ऊँचा है आज सर वतन का ..
शूरवीरो तुम ही हो अभिमान वतन का ..
तुम कहना भारत माँ से .. नहीं कुछ हाल ठीक हमारे वतन का
जिन्हें तुम सौप गए थे आज़ाद वतन,उनकी नीच सोच का गुलाम है अभी भी वतन
ये सब सोच से बोने है .. स्वार्थी मिट्टी के खिलोने है ....
कहना या तो इन हुक्मरानों को माँ बुद्धि देदे या फिर इनको मत्यु देदे ....
लगता है "भगत -सुभाष- आज़ाद-खुदीराम- बिस्मिल " तुम्हे लौट के आना ही होगा
इस बार इनके स्वार्थ से इनके अत्याचार से और ये भ्रष्टाचार से देश को बचाना होगा.....
निडर-निस्वार्थ - निश्छल - शूरवीर - देशभक्त क्रांतिकारियों को कोटि कोटि नमन
हर सच्चे भारतीय को स्वतंत्रता दिवस के लिए हार्दिक बधाई.....
...अर्पण कुमार शर्मा